अभय मेरी चूंचियों को दबाने लगा। मेरी चूचियों को दबा दबा कर उसे टाइट कर रहा था। कुछ देर बाद जब मुझे अभिषेक चोद लिया। फिर तीनो ने एक बार फिर मुझे कुत्तो की तरह चाटना शुरू किया। मै भी चुदाई से अब खुश हो चुकी थी। मुझे खड़ा कर दिया। अभय मेरी गीली गीली चूत को चाट कर उसका सारा निकला पानी चाट रहा था। रोहित मेरी गांड सहला कर चूम रहा था। अभिषेक मेरी बूब्स को अपने मुँह में भरकर चूस रहा था। लग रहा था मेरी मुसम्मी का सारा जूस आज पी ही के छोड़ेगा। मेरी चूंचियों के निप्पल को काट रहा था। मैं फिर से और गरम हो गई। अभिषेक ने मेरा हाथ पकड़ा और अभय ने मेरी दोनो टांगो कोफैला कर उसके बीच में अपना लंड रखकर मुझे उठा कर चोदने लगा। उसकी चोदने की स्पीड बहित ही बढ़ गयी थी।
मेरी चूत फटने फटने को हो रही थी। मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा था। मैं “आआआअह्हह्हह…ईईईईईईई..ओह्ह्ह्हह्ह..अई. .अई..अई…अई..मम्मी..” चिल्लाने लगी। लेकिन वो बहुत ही जोश में था। अब वो झड़ने वाला था। उसने झट से अपनी कॉण्डोम उतारी और मेरी मुँह में मुठ मारने लगा। कुछ देर बाद चिल्लाते हुए उसने अपना सारा माल मेरी मुँह में डाल दिया। अभय के लंड का सारा माल मै पी गयी। अभिषेक मेरी गांड मारना चाहता था। उसने मुझे झुकाया और अपना मोटा लंड मेरी गांड के छेद से सटा दिया। उसने धक्का मार लेकिन उसका थोड़ा सभी लंड मेरी गांड में नहीं घुसा।
मैंने कहा. रहने दो अभिषेक नही तो मेरी गांड फट जायेगी। वही पास में रखे तेल को लगाकर। मेरी गांड में अपना लंड पेलने लगा। मेरी गांड में इस बार उसने आधा लंड ही घुसा पाया। मै जोर से चिल्लाई.हाय मेरीगांड!!!!!! मेरी गांड फट गयी “..अई.अई..अई..अई..इसस्स्स्स्स्स्स्स्…उहह्ह्ह्ह…ओह्ह्ह्हह्ह..”मादरचोद साले तूने मेरी गांड फाड़ डाली। मै गालियां देने लगी। मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा था। उसने फिर से धक्का मारा और अपना पूरा लंड मेरी गांड में समाहित कर दिया। मैं दर्द से तड़प रही थी। कुछ देर तक वो मेरी धीरे धीरे गांड मार रहा था। फिर मेरी गांड का दर्द जैसे ही आराम हुआ। वो 180 कि स्पीड में मेरी गांड मारने लगा। मेरी गांड फट गयी। मै दर्द से और जोर जोर से चिल्लाने लगी। कुछ देर बाद मेरी गांड मार के अभिषेक और रोहित दोनों एक साथ चोदने लगे। रोहित मेरी गांड मारा रहा था। अभिषेक मेरी चूत का भोषडा बनाने के लगा था। पहली बार मैं दो लोगो से एक साथ चुद रही थी। ये सालें ब्लू फिल्मो की तरह मुझे चोद रहे थे। अभय का लंड पकड़ कर मैं मुठ मार रही थी। मै. “.अई.अई..अई..अई..इसस्स्स्स्स्स्स्स्..उहह्ह्ह्ह…ओह्ह्ह्हह्ह..चोदोदोदो.मुझे और कसकर चोदोदो दो दो दो” दोनों मुझे और जोर जोर से चोदने लगे। मै भी चुदवा रही थी।
दोनों अपना अपना लंड एक साथ पेलते मेरी तो जान ही निकल जा रही थी। मेरी चूत लगातार अपना पानी छोड़ रही थी। घच्च घच्च की आवाज मेरी चूत से निकल रही थी। दोनों झड़ने वक़्ले हो गए थे। दोनों अपनी स्पीड तेज कर रहे थे। जितना तेज हो सकता था। दोनों उतना तेज ही चोद रहे थे। कुछ देर बाद दोनों झड़ने की अवस्था में हो गए। दोनों ने कॉण्डोम निकाल कर फेंक दी। अपना अपना लंड मेरी मुँह के सामने करके मुठ मारने लगे। अभिषेक ने कुछ माल मेरी मुँह में कुछ चेहरे पर गिरा दिया। रोहित ने भी अपना सारा माल मेरी आँखों के करीब चेहरे पर गिरा दिया। सब बेहाल होकर बिस्तर पर गिर गए। मुझे तीनो ने बीच में लिटा लिया। मुझे छेड़ छेड़ के मजा ले रहे थे। कोई मेरी बूब्स दबाता कोई मेरी चूत में उंगली करता। मुझे बहुत ही मजा आया। हमे जब भी मौका मिलता है। मैंने अपना कपडा पहना और अपने रूम में चली आयी। कुछ देर बाद सब लोग आ गए। हम लोगो को जब भी मौका मिलता है। हम लोग खूब चुदाई करते हैं। अब तक मैंने कई बार उनसे चुदवाया है।